यह दावा किया जा रहा है कि प्रिंस चार्ल्स का कोरोनावायरस का संक्रमण आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाओं से ठीक हो गया है।
इन दावा करने वाले लोगों में कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद मनीष तिवारी ने यह खबर ट्वीट की थी उन्होंने कहा कि होम्योपैथी से प्रिंस चार्ल्स ठीक हुए हैं तो हमें भी कोरोनावायरस का इलाज परंपरागत भारतीय दवाओं में खोजना चाहिए।
If homeopathy worked for Prince Charles-COVID -19 we should also start looking for cures in Traditional Indian Medicine more efficaciously.
I appeal to @moayush to redouble it’s efforts & incentive those Indian Institutions for eg. @SoukyaOfficial that are doing pioneering work pic.twitter.com/0Ysv16OTDR
— Manish Tewari (@ManishTewari) April 1, 2020
If homeopathy worked for Prince Charles-COVID -19 we should also start looking for cures in Traditional Indian Medicine more efficaciously.
I appeal to @moayush to redouble it’s efforts & incentive those Indian Institutions for eg. @SoukyaOfficial that are doing pioneering work pic.twitter.com/0Ysv16OTDR
— Manish Tewari (@ManishTewari) April 1, 2020I appeal to @moayush to redouble it’s efforts & incentive those Indian Institutions for eg. @SoukyaOfficial that are doing pioneering work pic.twitter.com/0Ysv16OTDR
कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद के अलावा केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय में राज्यमंत्री श्रीपद नाईक 2 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि ब्रिटिश साम्राज्य के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाओं के सेवन से कोविड-19 से ठीक हो गए है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रिंस चार्ल्स की रिकवरी हमारी हजारों वर्षों पुरानी प्रथा को वैध साबित करती है। मंत्री जी की इस जानकारी का स्रोत बेंगलुरु के आयुर्वेदिक डॉक्टर थे।
इस खबर को समाचार एजेंसी और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने भी चलाया । नीचे आप IANS का Tweet डेक सकते हैं यह एक न्यूज़ एजेंसी है।
#UK's #PrinceCharles was cured of #Covid19 through ayurveda and homeopathy treatment from a #Bengaluru-based holistic resort, Union Minister of State for AYUSH Shripad Naik claimed on Thursday. #COVID19Pandemic pic.twitter.com/7SRVWARfBL— IANS Tweets (@ians_india) April 2, 2020
Final Verdict-
प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के फैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथी (facultyofhomeopathy.org) के शाही संरक्षक भी हैं। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है कि होम्योपैथी से उनका कोरोनावायरस संक्रमण ठीक हुआ है?
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस दावे को भारतीय मीडिया ने तो खूब छापा लेकिन इसे ब्रिटिश अखबारों में कोई जगह नहीं मिल पाई फैकल्टी ऑफ होम्योपैथिक की पोस्ट में शामिल बीबीसी की रिपोर्ट जिसे मनीष तिवारी ने शेयर किया था उसमें होम्योपैथी के उपचार से प्रिंस चार्ल्स के ठीक होने का कोई भी जिक्र नहीं था। इस पोस्ट में दो और पेज को भी Tag किया गया था इनके नाम है- ब्रिटिश होम्योपैथिक एसोसिएशन और होम्योपैथी वर्कड फॉर मी।
यह संभव है कि मनीष तिवारी ने होम्योपैथी वर्क फॉर मी को प्रिंस चाल का बयान समझने की गलती की हो। फैकल्टी ऑफ होम्योपैथी ने उनको रिकवरी पर बधाई दी लेकिन कहीं यह दावा नहीं किया कि प्रिंस की रिकवरी के तार दवाइयों के प्रयोग से जुड़े हैं। इस बात के सबूत नहीं हैं कि प्रिंस चार्ल्स की रिकवरी में होम्योपैथी आयुर्वेदिक दवाओं का कोई हाथ था इस खबर को उनके ऑफिस की तरफ से भी नकार दिया गया है।
‘हिंदुस्तान टाइम्स‘ ने, ‘बेंगलुरू के
आयुर्वेदिक डॉक्टर की
सलाह से प्रिंस चार्ल्स की कोविड-19 से रिकवरी’ के
दावे की पुष्टि के लिए, लंदन में प्रिंस ऑफ़
वेल्स के प्रवक्ता से संपर्क किया.
प्रवक्ता ने एचटी को बताया, ‘ये
सूचना ग़लत है.
प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने नेशनल हेल्थ
सर्विस (NHS) की चिकित्सकीय सलाहों के
अलावा किसी दूसरे
की कोई सलाह नहीं ली.”
होम्योपैथी पर नेशनल हेल्थ सर्विस का पक्ष स्पष्ट
है. ‘क्या होम्योपैथी
असरदार है?’ इस सवाल के
जवाब में, एनएचएस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि, “होम्योपैथी के प्रभाव पर विस्तृत जांच
हुई है. हालांकि, इस बात के पर्याप्त सबूत
नहीं हैं कि होम्योपैथी किसी भी
तरह की बीमारी में इलाज के
तौर पर असरदार है.”
प्रिंस चार्ल्स की
रिकवरी के दौरान, कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों
ने रिपोर्ट किया कि किस तरह ड्यूक ऑफ़
कॉर्नवेल सरकारी दिशा-निर्देशों और चिकित्सकीय
सलाह का पालन कर रहे हैं. जैसा कि
एनएचएस की वेबसाइट पर दिखता है,
ब्रिटेन में सरकारी दिशा-निर्देशों में
होम्योपैथी को शामिल नहीं किया गया
है.
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